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भूकंप के झटको से दहली दिल्ली-NCR , तीव्रता 5.8


शनिवार की रात उत्तर भारत और दिल्ली NCR में भूकंप के झटके महसूस हुए , भूकंप का केंद्र हिन्दुकुश अफगानिस्तान था , भारत के किसी भी नुकशान की जानकरी नहीं मिली अभी तक |

भूकंप प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें पृथ्वी की मांसपेशियों में आवृत्ति होती है और जो जनजीवन पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है। यह एक भयंकर प्राकृतिक घटना होती है जो विश्व के विभिन्न हिस्सों में दिख सकती है। इस लेख में, हम जानेंगे कि भूकंप क्यों होते हैं और उनके पीछे के कारणों के बारे में।

भूकंप के कारण:

  1. तबकीयती गतिविधियाँ: पृथ्वी की ऊपरी मांसपेशियाँ एक सीटी की तरह काम करती हैं, जिसके कारण वे यात्री तबकीयती गतिविधियों के तहत स्थिर रहती हैं। लेकिन जब यह मांसपेशियाँ आवृत्ति करती हैं, तो भूकंप हो सकते हैं।

  2. तटीय तबकीयती गतिविधियाँ: तटीय क्षेत्रों में भूकंप के प्रमुख कारण तटीय तबकीयती गतिविधियाँ होती हैं। जब तटीय मांसपेशियाँ आवृत्ति करती हैं, तो समुद्र के निचले भाग में जो तनाव होता है, वह रिहाई पाने के लिए पृथ्वी की मांसपेशियों को डबल करने की कोशिश करता है, जिससे भूकंप होते हैं।

  3. अधिकतम चोटी: जब दो टुकड़ों के बीच या किसी चोटी के पास में दबाव बढ़ता है, तो भूकंप हो सकते हैं। इससे भूमि के भीतर तबकीयती गतिविधियाँ शुरू होती हैं और भूकंप उत्पन्न होते हैं।

  4. चलते-फिरते तबकीयती गतिविधियाँ: चलते-फिरते तबकीयती गतिविधियों के बारे में समझना महत्वपूर्ण है क्योंकि ये भूकंप की तबकीयती गतिविधियों को प्रेरित करती हैं।

  5. तटीय बौलिंग: तटीय क्षेत्रों में बौलिंग के कारण भी भूकंप हो सकते हैं। बौलिंग के परिणामस्वरूप तटीय मांसपेशियाँ आवृत्ति करती हैं और भूकंप का कारण बनती हैं।

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